किताब
दुःख की संगी
सुख की साथी
सब प्रश्नों का
हल मैं लाती।
अकेलेपन में
साथ निभाती
सबसे अच्छी
दोस्त कहलाती।
बन गीता
मैं धर्म सिखाती
बन आगम
मैं सत्य दिखाती।
सरस्वती का
वर बन जाती
जब भी कोई
समस्या आती।
दीपक बन मैं
राह दिखाती
अज्ञान तिमिर को
दूर भगाती।
पढ़ता मुझ को
जो भली-भाँति
उन सबका मैं
ज्ञान बढ़ाती।
मोनिका जैन ‘पंछी’